अमेरिका के इस राज्य में छिपी है राष्ट्रपति चुनाव की जीत की चाबी, कौन जाएगा वॉइट हाउस, यहीं से होगा फैसला

वॉशिंगटन: अमेरिका में कुछ ही घंटों में वोटिंग शुरू होने वाली है, जिसमें अमेरिकी नागरिक 47वां राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान करेंगे। वॉइट हाउस की रेस में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर बताई

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वॉशिंगटन: अमेरिका में कुछ ही घंटों में वोटिंग शुरू होने वाली है, जिसमें अमेरिकी नागरिक 47वां राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान करेंगे। वॉइट हाउस की रेस में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर बताई जा रही है। चुनाव के पहले आखिरी दिन दोनों उम्मीदवारों ने पेंसिल्वेनिया में पूरा जोर लगाया है और यहां मतदाताओं को लुभाने के लिए हर कोशिश की। असल में पेंसिल्वेनिया को डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के लिए वॉइट हाउस की चाबी बताया जा रहा है। साल 2020 के चुनाव में इसी राज्य ने जो बाइडन की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। इस राज्य में 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं।
1- पेंसिल्वेनिया को 1992 से ही डेमोक्रेटिक पार्टी के गढ़ के रूप में देखा जाता रहा है। अमेरिकी राजनीति में इसे डेमोक्रेट्स का कॉमनवेल्थ भी कहा जाता है। लेकिन 2016 में रिपब्लिकन ने यहां पर जीत हासिल कर ली थी, जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुने गए थे।

2- पेंसिल्वेनिया में बड़ी संख्या में सीटें नहीं मिलने से कमला हैरिस के लिए अमेरिकी चुनाव में जीतना मुश्किल हो सकता है। 1948 के बाद से कोई भी डेमोक्रेट्स उम्मीदवार पेंसिल्वेनिया में जीत के बिना वॉइट हाउस में प्रवेश नहीं कर पाया है।

3- पेंसिल्वेनिया में वोटरों के लिए मुख्य मुद्दा बढ़ती मुद्रा स्फीति और महंगाई है। पिछले कुछ समय से पेंसिल्वेनिया में घरेलू खाने-पीने के सामान की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।

4- पेंसिल्वेनिया में छह लाख एशियाई-अमेरिकी हैं, जिनमें सबसे बड़ा समूह भारतीय-अमेरिकी हैं। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के चुनाव अभियान ने स्वीकार किया है कि उन्हें इस राज्य में सबसे कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

5- पेंसिल्वेनिया को स्विंग स्टेट कहा जाता है। यहां 19 इलेक्टोरल कॉलेज वोट हैं, लेकिन यह पहले से आधा है। एक सदी पहले यहां 38 इलेक्टोरल वोट हुआ करते थे। अमेरिका के उत्तरी हिस्सों में कई औद्योगिक राज्यों में लोगों ने दूसरे राज्यों में पलायन किया है। पेंसिल्वेनिया में उनमें से एक है।

6- अमेरिकी चुनाव में जीतने के लिए किसी उम्मीदवार को 270 वोटों की जरूरत होती है। इस बार एरिजोना, नेवादा, विस्कॉन्सिन, मिशगन, पेंसिल्वेनिया, नॉर्थ कैरोलिना और जॉर्जिया के सात राज्यों के नतीजे तय करेंगे कि अगला राष्ट्रपति कौन होगा। ये राज्य स्विंग स्टेट बने हुए हैं।

7- पेंसिल्वेनिया के साथ उत्तरी कैरोलिना और जॉर्जिया विजेता का फैसला करने में अहम भूमिका अदा करेंगे। दूसरे राज्यों के उलट यहां पर मतदाताओं ने एकतरफा मूड नहीं बनाया है। यही वजह है कि चुनाव के पहले दोनों उम्मीदवार यहां सबसे ज्याद प्रचार करते देखे गए हैं।

8- डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव अभियान में अवैध प्रवासी, अपराध की समस्या और नौकरियों की वापसी के साथ मुद्रास्फीति की बात करते रहे हैं। इसके साथ ही वह चुनाव में गड़बड़ी को लेकर भी हमलावर रहे हैं।


9- चुनाव से एक दिन राष्ट्रपति पद की दौड़ दिलचस्प होती दिखाई दी। न्यूयॉर्क टाइम्स और सिएना कॉलेज के आखिरी सर्वेक्षणों में पाया गया है कि कमला हैरिस नॉर्थ कैरोलिना और जॉर्जिया में मजबूती हासिल कर रही हैं।

10- पेंसिल्वेनिया को 'कीस्टोन स्टेट' के नाम से भी जाना जाता है। शुरुआती अमेरिका में पेंसिल्वेनिया ने नवगठित संघ के राज्यों को एक साथ रखने में एक महत्वपूर्ण भौगोलिक और रणनीतिक भूमिका निभाई।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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